चंडीगढ़ 30 अगस्त, 2014, चण्डीगढ़ के पूर्व सांसद एवं भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य श्री सत्य पाल जैन ने कहा है कि जैन धर्म में ‘सम्वत्सरी महापर्व’ (क्षमा याचना दिवस) एक ऐसा पर्व है जिस दिन हर व्यक्ति अपने पिछले वर्ष भर में की गई गलतियों या ज़्यादतियों का अहसास करता है तथा उसके लिये प्रभावित व्यक्तियों से क्षमा याचना करता है। श्री जैन ने कहा कि जैन धर्म के संस्थापकों द्वारा स्थापित यह अनूठा पर्व सारी मानवता के लिये कल्याणकारी है और यदि समूची मानवता इस का पालन करे तो दुनिया की बहुत सारी समस्याओं का समाधान हो सकता है।
श्री जैन आज प्रातः जैन स्थानक सैक्टर 18 में जैन समाज द्वारा आयोजित ‘सम्वत्सरी महापर्व’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के नाते उपस्थित जन समूह को सम्बोधित कर रहे थे।
इस कार्यक्रम में जैन साध्वी गीता कुमारी जी महाराज, साध्वी मुक्ति कुमारी जी महाराज एवं साध्वी गुप्ति कुमारी जी महाराज ने भी अपना प्रवचन दिया एवं सम्वत्सरी पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला।
श्री जैन ने कहा कि जैन धर्म के सभी सिद्धांत पूरे विष्व के लिये है न कि केवल किसी एक धर्म के लिये। उन्होंने कहा कि जियो और जीने दो, अपरिग्रह, त्याग, तपस्या एवं सभी जिवन्त प्राणियों का सम्मान, ऐसे सिद्धांत है जो भगवान महावीर ने हज़ारों वर्ष पहले दुनिया को दे दिये थे। आज सभी देष इसकी चर्चा तो करते है परन्तु मन से पालन नहीं करते और यदि सच्चे मन से पालन करें तो विष्व के सभी तनाव समाप्त हो सकते हैं।
Aug 30 2014
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